Rajasthan Board Paper March: अजमेर आए शिक्षा मंत्री दिलावर ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और रीट परीक्षा से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई। उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन से पहले होने वाली तैयारियों पर जोर देते हुए कहा कि सरकार हर वर्ष इस प्रक्रिया की समीक्षा करती है ताकि परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की बाधा या असुविधा का सामना न करना पड़े। दिलावर ने यह भी संकेत दिया कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आगामी 6 मार्च से शुरू हो सकती हैं।
उन्होंने प्रायोगिक परीक्षाओं में परीक्षा लेने वाले परीक्षकों की आवभगत को लेकर भी गंभीरता व्यक्त की। दिलावर ने कहा कि प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान एग्जामिनर्स की विशेष खातिरदारी, जैसे कि बैंड-बाजों के साथ स्वागत और अच्छे होटलों में ठहराने की व्यवस्था, शिक्षा प्रणाली के लिए सही नहीं है। उनका मानना है कि छात्रों को उनके वास्तविक प्रदर्शन के आधार पर ही अंक दिए जाने चाहिए, न कि किसी अन्य प्रभाव के कारण। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाए।
शिक्षा मंत्री ने परीक्षाओं में हुई लापरवाहियों और गड़बड़ियों को लेकर नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कि बिना कॉपियां जांचे अंक देना एक गंभीर समस्या है और इसे दोबारा होने से रोकने के लिए फुल-प्रूफ प्रणाली तैयार करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों ने प्रदेश की छवि को नुकसान पहुंचाया है, और इस प्रकार की घटनाओं को पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए परीक्षाओं को निष्पक्ष और लीक-प्रूफ बनाना बेहद जरूरी है।
REET परीक्षा पर चर्चा
रीट परीक्षा को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। दिलावर ने बताया कि अब तक आयोजित रीट परीक्षाओं में बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है। उन्होंने इस बार परीक्षा की पात्रता में हुए संशोधन का भी उल्लेख किया, जिसमें अब ऐसे उम्मीदवार भी परीक्षा दे सकते हैं जिन्होंने HTET या B.Ed में एडमिशन ले लिया है, भले ही उन्होंने ये पाठ्यक्रम अभी पूरा न किया हो। इससे उम्मीदवारों का समय बचेगा और उनकी शिक्षा प्रक्रिया में तेजी आएगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार 4 लाख सरकारी नौकरियां देने की योजना बना रही है, जिससे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के रिक्त पद भी भरे जाएंगे। इस कदम से न केवल शिक्षा प्रणाली को मजबूती मिलेगी, बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के बेहतर अवसर भी उपलब्ध होंगे।